मैं कविता से प्रेम करता हूं.
courtesy_google मैं कविता से प्रेम करता हूं. ...और तुम्हारे पास कविता की भावनाएं हैं भाव, कविता के लिए आत्मा की तरह है.. इसी धागे के दो सिरे हैं हम तुम और तुम तो जानती हो.. भाव के बिना कविता अधूरी है.. मेरे जीवन में तुम्हारा होना ही कविता का होना है.. ताकि मैं प्रेम करता रहूं ..............कविता से 05.05.2013