मेरा अक्स तैरता है..


इन दो तस्वीरों को देख जुबां पे कुछ शब्द यूं मचल उठे...

पानी की मचलती तरंगों में
मेरा अक्स तैरता है
आ..कश्ती के सहारे
महल के मुंडेर पे चले
किसे चाह नहीं होती
महल के साए में
जल विहार की..

जलमहल, जयपुर राजस्थान भ्रमण के दौरान...23-06-2012 फोटो साभारः मनोज श्रेष्ठ

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