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बसंतों की थकान

पूरे हक से उसने मेरी पीठ पर धौल क्या जमाई.. कई बसंतों की थकान उतर गई.. 02.02.2014

JULY KI EK RAT KE BAD

21वीं सदी की प्रेम कहानियों को उलट के यानि आखिर से पढ़ना शुरू करो, तुम पाओगे कि हर कहानी का अंत सुखद है। ........................................................................... वो लिखता कम, काटता ज्यादा है। ........................................................................... लड़का: तुमसे बात करने में कोई फायदा नहीं है शायद! लड़की: फायदा सोच के आए थे? बनिए हो गए हो? लड़का: चलें ? लड़की: इसी में फायदा लग रहा होगा? लड़का: ऎसा तो नहीं है! लड़की: जाने दो खैर, ऑय विल पे फॉर कॉफी, ये नुकसान मैं भुगत लूंगी, तुम इतने फायदे में रहो! (जुलाई की एक रात) ......................................................................... "एक दिन में पहचान तो नहीं बदल जाती, रिश्ते तो खत्म नहीं हो जाते" (जुलाई की एक रात "बीतने" के बाद यही याद रहा बस) .......................................................... ...आजकल की कहानियां करण जौहर की फिल्मों की तरह डिजायनर ज्यादा है, कथ्य के मामले बेहद कमजोर। .........................................................

SHORT STORY: मेरी दुनिया की औरतें..

चित्र
गांव में बाढ़ आई थी..एक ही नाव पर..गोइठा, बकरी के बच्चे..दही बेचने वालियों के दौरे..हिंदू-मुस्लिम, औरत-मर्द सब एक साथ..सुबह का वक्त था..हवा तेज थी..डेंगी नाव पर उछल रहा बकरी का बच्चा बाढ़ के गहरे पानी में गिर गया..हाय राम, हाय अल्ला..सब एक दूसरे का मुंह देख रहे थे..अचानक वो अपने कपड़े खोलकर फेंकने लगी..बोली, मैं उसे मरने नहीं दूंगी और बिना कुछ सोचे कूद गई..सब अवाक थे..मैंने कहा, ऐसी हैं मेरी दुनिया की औरतें.. 02-07-2013