आइने से पूछ रहा हूं
उनकी पलकें उठी है,
मेरी सुबह के लिए
मेरी सुबह के लिए
चांद सा रोशन उनका चेहरा,
मेरी शाम के लिए
मेरी शाम के लिए
बोलती आंखें कंपकपाते होंठो से,
होश गवांए सुन रही है मेरी आंखे
होश गवांए सुन रही है मेरी आंखे
मोहब्बत के दो पल के लिए,
फरियाद की हमने
फरियाद की हमने
फूटते लबों से उनकी नजरों ने हां की है
आइने से पूछ रहा हूं,
खुद को संवारने के तरीके
खुद को संवारने के तरीके
उस वक्त की रूमानियत में
निगल रहा हूं, अपनी सांसे
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