और वो बच्चा ......
१२ अगस्त का दिन,कक्षाये ख़त्म हो चुकी थी....शाम के लगभग सात बजने वाले थे, मै और मेरा दोस्त अमित कैम्पस से निकलकर पैदल ही बेर सराय पहुंचे..रास्ते में ही हम कुछ खाने के बारे में बात कर रहे थे.. सोचा था हमने क़ि बेर सराय पहुंचकर कुछ खाया जायेगा ..बेर सराय पहुँचने के बाद हम दोनों में मोमोज खाने पर सहमती बनी...और फिर हम दोनों मोमोज स्टाल पर पहुंचे.....मोमोज वाले से हमने हाफ प्लेट मोमोज देने को कहा ,हाफ प्लेट लेने के बाद ज्यो हीं,हमने एक टुकड़ा मुंह में रखा ...एक बच्चा दौड़ता हुआ आया और अपने हाथ उसने हमारी तरफ बढ़ा दिए ..इस उम्मीद में क़ि कुछ मिल जायेगा लेकिन ...हम दोनों ने उसकी तरफ ना तो देखा और ना उसे कुछ दे सके और ना ही कुछ कह सके, क्यों क़ि लालच ने हमे...