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Happy Mothers Day Babu..

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Courtesy_Google बाबू !! मुझे भी नहीं पता था कि आज मदर्स डे है। उन्हें भी नहीं पता होगा। वो फेसबुक पर नहीं है। हर रोज वो शाम को ही फोन करते हैं.. लेकिन आज उन्होंने सुबह ही फोन किया और पूछा तुम ठीक हो न.. तबीयत ठीक है ना। पेट में दर्द तो नहीं हो रहा। मैंने कहा, सब ठीक है। उनकी आवाज में एक नरमी थी, ख्याल और एहसास था। मैंने कल शाम उनसे झूठ बोला था.. पिछली शाम को मैं कोलकाता में था। सुबह चार बजे लौटा था और सोया था.. लेकिन हृदय तो जागा ही था..एक आवाज सुनाई दी.. कितनी चिंता करते हैं तुम्हारी ! घर से बाहर दूसरे शहर की इस सुबह आंखें भींग गई। शाम को फेसबुक नोटिफिकेशन्स से पता चला.. आज मदर्स डे है। पिछले 16 सालों से बाबू.. मां की भी भूमिका जी रहे हैं। हैप्पी मदर्स डे बाबू।।   Intestinal Tuberculosis Wali kahaniyan - 6

Intestinal Tuberculosis Wali Kahaniya - 5

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Courtesy_Nandlal Sharma गुजरी हुई जाड़े की उस रात को इन सर्दियों के अकेलेपन में गर्माहट भरने के लिए मैंने कितना संपादित कर दिया है। बिना तुम्हारी इजाजत के... ये गुस्ताखी है। और तुम्हें ना बताना भी।  Intestinal Tuberculosis Wali Kahaniya - 5

INDIA IS A MORALLY CORRUPT NATION - ANONYMOUS

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Courtesy_Benaras_Google INDIA  IS A MORALLY CORRUPT  NATION..  its proved.  - ANONYMOUS

INTESTINAL TUBERCULOSIS WALI KAHANIYA - 3

पेट की टीबी की वजह से नौकरी जाती रही, लिहाजा इलाज और दिल्ली में सरवाइव करने के लिए नौकरी की जरूरत थी। कई जगहों पर रेज्यूमे भेजे और दोस्तों से भी मदद मांगी। कई जगह नौकरी के लिए हाथ पांव मारने के बाद दिल्ली के एक महत्वपूर्ण अंग्रेजी अखबार में नौकरी का विज्ञापन निकला.. मैंने भी आवेदन कर दिया। दोस्तों से इस बारे में चर्चा हो रही थी, कई लोगों का कहना था कि यहां एचआर वाले साक्षात्कार में यह भी पूछते हैं कि आपके पिताजी क्या करते हैं ? घर में कौन-कौन है और क्या आपके परिवार वाले आर्थिक रूप से आप पर निर्भर हैं ? मैंने कहा, अरे तो ये गजब है। क्या अगर कोई मजदूर का बेटा है, तो उसे नौकरी नहीं मिलेगी ? दोस्तों ने बताया कि इस कंपनी में पहली पीढ़ी (इसका मतलब ये है कि आप अपने परिवार में पहले आदमी तो नहीं जो किसी कॉरपोरेट कंपनी में काम करने निकला हो, या ये भी कह सकते हैं कि आप अपने परिवार में पहले आदमी तो नहीं, जो कॉलेज गया हो) के लोगों को शायद ही पर रखते हैं। मैंने कहा, देखेंगे। इंटरव्यू में पत्रकारीय सवालों के बाद एचआर ने सवाल करने शुरू किए। दूसरा सवाल यही था कि आपके पिताजी क्या करते हैं

Intestinal Tuberculosis Wali Kahaniya - 2

डेड पड़े फोन में अचानक हरकत होती है और तुम्हारा नाम फ्लैश होता है। यूं कई बरसों बाद तुम्हारा फोन करना वैसे ही है जैसे मेरी कब्र पर फूलों के साथ फातिहा पढ़ने आई हो। फोन की रिंग टोन से मेरी आत्मा जागती है और निर्जीव प्रतीत होती कविताओं में जान आ जाती है। मैं अपनी कब्र में उठकर बैठ जाता हूं... तुम्हारी आंखों के आंसू पोंछने के लिए..   Intestinal Tuberculosis Wali Kahaniya - 2

Intestinal Tuberculosis Wali Kahaniya

1. उसने सवाल किया , कहां हो। मैं- फलाना वाली गली के तिराहे पर जो हैंडपंप है वहां। उसने पूछा- मिलना नहीं है। मैं- क्यों नहीं , बताओ कब मिलना है ? उसने कहा- वहीं रुको। मैं आ रही हूं। दो मिनट के अंदर वो आ गई। मैं वहीं बुत बना  रहा.. मन की तितलियां बोलीं.. आगे बढ़ो। मैं उसकी ओर आगे बढ़ा और उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए। उसने हड़बड़ाकर कहा , आज मेरा व्रत है। मेरे मुंह से सहसा निकल पड़ा। हाय अल्लाह.. चढ़ती रात में अधूरे चुंबन के साथ अधूरे  रह गए हम । 2. ... और अब जबकि मैं उस दुनिया का हिस्सा नहीं हूं। रात को सपने में कोई सीनियर डांट रहा था (जिसका चेहरा मुझे याद नहीं) कि फेसबुक की ट्रेंड लिस्ट चेक नहीं करते तुम लोग.. वहां कई सारी स्टोरीज पड़ी हैं। मैं अधखुली निद्रा में कहना भूल गया कि सर , मैंने आपकी दुनिया से अपना नाम कटा लिया है।

Intestinal Tuberculosis Wali Kahaniya - 1

दिन भर ऑफिस में खटने के बाद कॉर्तिकेय और मैं घर की ओर चल पड़े। हालांकि मेरी तबीयत खुश नहीं थी और मुझे इस बात का अंदाजा हो गया था कि आज फिर अस्पताल न जाना पड़े। कई सारी चिंताएं मेरी दिमाग में घूम रही थी। नौकरी वापस ज्वॉइन किए हुए कुछ ही दिन हुए थे और सैलरी अभी मिली नहीं थी। जैसे तैसे खर्चा चल रहा था। इस बात को लेकर मन अंदर ही अंदर डरा हुआ था। आधे रास्ते तक पहुंचे पेट में दर्द होना शुरू हो गया। मैंने कार्तिकेय से कहा कि मेरे पेट में दर्द हो रहा है। उसने दवाइयों के बारे में पूछा, मैंने बताया कि दवाइयां तो मैं टाइम से खा रहा हूं और आज भी समय पर ले लिया था, लेकिन दर्द हो रहा है। कार्तिकेय ने मुझे कमरे पर छोड़ा और अपने कमरे चला गया। हालांकि जाते हुए उसने इत्तला किया कि अगर कोई परेशानी हो, तो मैं उसे कॉल कर लूं। कॉर्तिकेय के जाने पर मैं भागा-भागा कमरे पर पहुंचा और जाते ही पसर गया। काम वाली बाई और खाना बना गई थी और जुठे बर्तन बेसिन पड़े हुए थे। मैंने जूते खोले और कराहते हुए हाथ मुंह धोएं। आइने के सामने जब खुद से नजरें मिलाई तो आंखों में लगभग आंसू आ गए थे। पेट की टीबी ने तोड़ के रख दिया थ