संदेश

प्रेम धधकता बहुत है.. दिलों में

उपलों की तरह उदासियां  थाप दी गई है कल्पनाओं के कैनवास पर  और तब से ओढ़ ली है मैंने खामोशी  तुम्हारे ना होने से उपजे दर्द को ढंकने के लिए  लेकिन एक दिन मैं उगल दूंगा भाव शून्य होने से पहले  सारा दर्द.. सारी खामोशी  उस मटके में  जिसे तुमने रखा था गुलाब रोपकर  मकान के मुंडेर पर  ये कहते हुए कि ये हमारे प्रेम का प्रतीक है. अब मुरझाने लगा है  वो.. लाल गुलाब  उसकी सांसों की आवृति डूबने लगी है लेकिन प्रेम डूबेगा नहीं मैं रोप दूंगा उसे  भूमि की कोख में  गर्माहट से भरी एक सुबह  मेरा प्रेम आंखें खोलेगा और तब दुनिया जानेगी दो अनजान प्रेमियों के बारे में  जो अछूत थे, दुनिया के लिए  जिनका प्रेम असहय था  पाक-साफ, धोई-पोछी संस्कृति के लिए  लोग पूछेंगे.. उनका गुनाह क्या था?  प्रेम समा नहीं पाता  दुनियानवी खांचों में  मैंने देखा है.. उपलों की आग की तरह  संस्कृति के अहरा पर  प्रेम धधकता बहुत है..  दिलों में.. 21-02-2014

ब्याज

जब मैं लोन लेने गया, पूंजीवाद के साहूकारों ने इंकार कर दिया सेठ का बच्चा पढ़ने विलायत गया, ब्याज जन हितैषी सरकार ने चुकाया 17-01-2014

'वैलेंटाइन डे'

दुनिया भर में प्रेम पर लिखी गई कविताएं उत्पादों की शक्ल में बाजार के रेड कॉरपेट पर मचल रही है.. प्रेम की कथित उत्सवधर्मिता के बहाने तय कीमतों पर बाजार मेरी देहरी तक आ गया है मैं अपने कलेजे में प्रेम दबाए अपने ही चौखट में सिमटा हुआ हूं। 17-01-2014

जिंदा

महीने में एक कविता लिख लेना जिंदा रहने के लिए काफी है... 

क्या यह युवराज की वापसी का संकेत हैं?

चित्र
आईपीएल का सातवां संस्करण शुरू होने में अभी दो महीने बचे हैं। लेकिन फरवरी के पहले हफ्ते में मीडिया में आई खबरों पर गौर करे तो इस बात की चर्चा थी कि विराट कोहली, युवराज सिंह को आईपीएल की अपनी टीम में चाहते हैं। 6ठें संस्करण में आरसीबी की कप्तानी करने वाले कोहली को विजय माल्या ने निराश नहीं किया और युवराज के लिए 14 करोड़ रूपए खर्च किए। लिहाजा आईपीएल सीजन 7 के लिए हुई नीलामी में युवराज सिंह किंग बन कर उभरे। उन्हें रॉयल चैंलेजर्स बेंगलूरू ने 14 करोड़ रूपए में खरीदा।  आईपीएल नीलामी में फ्रेंचाइजियों के बीच प्रतिद्वंदिता को देखकर युवराज राहत महसूस कर रहे होंगे। वजह साफ है। ये युवराज को भी मालूम है कि हाल के सालों में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। कैंसर से उबरने के बाद युवराज मैदान पर वापसी करने में तो सफल रहे लेकिन जितने मैच उन्होंने खेले वे टीम इंडिया में उनकी जगह को पक्का नहीं कर पाए। लिहाजा उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।  घरेलू मैचों और रणजी ट्रॉफी में भी युवराज कोई चमकदार प्रदर्शन नहीं कर पाए। भारतीय टीम से बाहर होने के बाद क्रिकेट विशेषज्ञों ने भी कहना शुरू कर दिया था युवराज के

बसंतों की थकान

पूरे हक से उसने मेरी पीठ पर धौल क्या जमाई.. कई बसंतों की थकान उतर गई.. 02.02.2014

A TRIP TO SAMBHAR LAKE RAJASTHAN

चित्र
कमरे से निकल कर सांभर के नमक वाले तालाब तक.. कुछ तस्वीरें..