क्या यह युवराज की वापसी का संकेत हैं?

आईपीएल का सातवां संस्करण शुरू होने में अभी दो महीने बचे हैं। लेकिन फरवरी के पहले हफ्ते में मीडिया में आई खबरों पर गौर करे तो इस बात की चर्चा थी कि विराट कोहली, युवराज सिंह को आईपीएल की अपनी टीम में चाहते हैं। 6ठें संस्करण में आरसीबी की कप्तानी करने वाले कोहली को विजय माल्या ने निराश नहीं किया और युवराज के लिए 14 करोड़ रूपए खर्च किए। लिहाजा आईपीएल सीजन 7 के लिए हुई नीलामी में युवराज सिंह किंग बन कर उभरे। उन्हें रॉयल चैंलेजर्स बेंगलूरू ने 14 करोड़ रूपए में खरीदा। 

आईपीएल नीलामी में फ्रेंचाइजियों के बीच प्रतिद्वंदिता को देखकर युवराज राहत महसूस कर रहे होंगे। वजह साफ है। ये युवराज को भी मालूम है कि हाल के सालों में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। कैंसर से उबरने के बाद युवराज मैदान पर वापसी करने में तो सफल रहे लेकिन जितने मैच उन्होंने खेले वे टीम इंडिया में उनकी जगह को पक्का नहीं कर पाए। लिहाजा उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। 

घरेलू मैचों और रणजी ट्रॉफी में भी युवराज कोई चमकदार प्रदर्शन नहीं कर पाए। भारतीय टीम से बाहर होने के बाद क्रिकेट विशेषज्ञों ने भी कहना शुरू कर दिया था युवराज के लिए वापसी मुश्किल होने जा रही है। लेकिन टी-20 वल्र्ड कप के लिए घोषित टीम इंडिया में एक बार युवराज को जगह मिली और फिर अगले दिन उन्हें आईपीएल में सबसे ऊंचे दाम पर खरीदा गया। क्या यह युवराज की वापसी का संकेत हैं?

आईपीएल में अपनी पारी युवराज सिंह ने किंग्स इलेवन पंजाब के साथ शुरू की थी। फिर वे सहारा पुणे वारियर्स से जुड़े लेकिन युवराज का प्रदर्शन दोनों फ्रेंचाइजियों के साथ कुछ खास नहीं रहा। इस बीच उनका स्वास्थ्य खराब होता गया और प्रदर्शन गिरता गया। युवराज ने आईपीएल के 70 मैचों की 68 पारियों में 1475 रन बनाए है। उनका औसत 25 का रहा है। जबकि सर्वश्रेष्ठ पारी 66 रन की और केवल पांच बार वे 50 रन आंकड़ा पार कर पाया। वहीं, 70 मैचों में युवराज के हाथ सिर्फ 29 विकेट आए। 

उतार चढ़ाव से भरे आईपीएल करियर में युवराज का प्रदर्शन सब कुछ कहता है। युवराज की टी-20 वल्र्ड कप के लिए चुनी गई टीम इंडिया में वापसी और उनके स्टार स्टेटस ने नीलामी में उन्हें "किंग" बनाया। क्योंकि उनके साथ खेल चुके खिलाड़ी जो टीम से बाहर है उन्हें बहुत कम बोली मिली। वीरेन्द्र सहवाग का उदाहरण सामने है। प्रवीण कुमार को कोई खरीददार नहीं मिला। कहा जा सकता है कि आईपीएल ने युवराज को एक मौका दिया है कि वे अपने करियर को पटरी पर ला सके।

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