Courtesy_Social Media डियर R अब जबकि तुमसे प्रेम करते हुए मैं अकेला पड़ गया हूं। तुम्हें पाने की मेरी बेचैनी और बढ़ गई है। लेकिन मैं नहीं चाहता कि मेरा प्रेम तुम्हारे आड़े आए, किसी भी तरह। फिर भी मैं तुम्हें हमेशा याद करता हूं। रात-दिन, सुबह-दोपहर-शाम और भोर में भी। तुम जानती हो कि भोर मुझे कितना पसंद है, जब मैं तुम्हारी बाहों में समा जाता था और तुम मुझे अपने भीतर डूब जाने देती। दिन के हर पहर तुम्हें सोचता हूं कि तुम्हें फोन कर लूं। शायद, थोड़ी राहत मिल जाए, लेकिन फिर सोचता हूं कि अगर फोन कर लिया तो फिर खुद को संभाल पाना और तुमसे फासला रख पाना मुश्किल हो जाएगा। तुम्हें याद करने की आवृत्ति और बढ़ जाएगी और फोन करने का सिलसिला भी। हालांकि मुझे नहीं पता कि तुम्हें मेरा ख्याल आता भी है या नहीं। दर्द और कचोट भी है.. तुम्हें बांहों में ना भर पाने की और मुझे इससे पार पाना ही होगा। तुम्हें खुलकर प्यार कर पाना अब शायद ही संभव हो, लेकिन प्यार तो बना ही रहेगा। चाहे हमारे दरम्यान कितना भी फासला बढ़ जाए। ये सिर्फ तुम जानती हो कि मैं तुम्हें घनघोर प्यार करता हूं और मैं जानता हूं कि...