तुम्हें खो देने का डर
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सोचता हूं
कभी समुद्र में गहरे उतर जाऊं
शांत शीतल जल में
नीम अंधेरे
दुनिया से छुप के तुम्हें प्यार करूँ
तुम्हें निहारता रहूं
तुम्हारी जुल्फों से खेलूं
तुम्हारा आलिंगन करूँ
और तुम्हारे माथे को चूम लूं
फिर सहसा डर जाता हूँ
गर समुद्र की तलहटी में उतरकर
तैरना भूल गया तो क्या होगा?
कभी समुद्र में गहरे उतर जाऊं
शांत शीतल जल में
नीम अंधेरे
दुनिया से छुप के तुम्हें प्यार करूँ
तुम्हें निहारता रहूं
तुम्हारी जुल्फों से खेलूं
तुम्हारा आलिंगन करूँ
और तुम्हारे माथे को चूम लूं
फिर सहसा डर जाता हूँ
गर समुद्र की तलहटी में उतरकर
तैरना भूल गया तो क्या होगा?
कहीं अपनी नाकामी से
मैं तुम्हें खो ना दूं
कहीं मेरी लाचारी तुम्हारी बाधा न बन जाये
इस प्यार में
गर लहरों की जाल में सांसें उलझ गयीं
डरता हूँ
समुद्र की गहराइयों में उतरने से
डरता हूँ तुमसे
प्यार का इजहार करने से
गर लहरों की जाल में सांसें उलझ गयीं
डरता हूँ
समुद्र की गहराइयों में उतरने से
डरता हूँ तुमसे
प्यार का इजहार करने से
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