तुम्हें सपने में देखना
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मैं डरता हूँ
तुम्हारे साथ चलते हुए
डरता हूँ कि कहीं छू न जायेबदन मेरा
और चौंक उठो तुम
कहीं बुरा न लगे तुम्हें मेरी बातें
तुमसे गुफ़्तगू में सिहरता हूं
कुछ कहना चाहता हूं तुमसे
लेकिन, तुम्हें खोने से डरती हैं साँसें
यूं खामोशियाँ कुछ कहती हैं
लेकिन बोलने से डरता हूँ
कहने को बहुत है मगर
कहीं बुरा न मान जाओ तुम
तुम्हें खोने से डरता हूँ
तुम सपने में आती हो
हर रोज बेनागा,
मैं आंखें खोलने से डरता हूँ
हर रात कहानी लिखता हूँ
लेकिन बताने से डरता हूँ
चूम लेता हूँ पलकें तुम्हारी
लेकिन होंठो की गुस्ताख़ी
होंठो ने न मानी
लिखता हूँ हर रात की कहानी
तुम्हारे साथ चलते हुए
डरता हूँ कि कहीं छू न जायेबदन मेरा
और चौंक उठो तुम
कहीं बुरा न लगे तुम्हें मेरी बातें
तुमसे गुफ़्तगू में सिहरता हूं
कुछ कहना चाहता हूं तुमसे
लेकिन, तुम्हें खोने से डरती हैं साँसें
यूं खामोशियाँ कुछ कहती हैं
लेकिन बोलने से डरता हूँ
कहने को बहुत है मगर
कहीं बुरा न मान जाओ तुम
तुम्हें खोने से डरता हूँ
तुम सपने में आती हो
हर रोज बेनागा,
मैं आंखें खोलने से डरता हूँ
हर रात कहानी लिखता हूँ
लेकिन बताने से डरता हूँ
चूम लेता हूँ पलकें तुम्हारी
लेकिन होंठो की गुस्ताख़ी
होंठो ने न मानी
लिखता हूँ हर रात की कहानी
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