तुम्हारे साये में तन्हा हूँ

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अपनी बातों में तन्हा हूँ
अपनी सांसों में तन्हा हूँ
अपनी कविताओं में तन्हा हूँ
तुम्हारे साये में तन्हा हूँ

चमकती धूप में तन्हा हूँ
मचलती सांझ में तन्हा हूँ
उड़ते बादल में तन्हा हूँ
तुम्हारे साये में तन्हा हूँ

घनी छांव में तन्हा हूँ
अपनी हर्फ़ों में तन्हा हूँ
चलती हवाओं में तन्हा हूँ
तुम्हारे साये में तन्हा हूँ

बुने गए हर ख्वाब में तन्हा हूँ
भरी टोकरी के फूल में तन्हा हूँ
गुलाबी गुलदस्तों में तन्हा हूं
तुम्हारे साये में तन्हा हूँ

महफ़िल की कहकशां में तन्हा हूं
ढलकते जाम के बुलबुलों में तन्हा हूँ
सावन की गिरती रिमझिम में तन्हा हूँ
तुम्हारे साये में तन्हा हूँ

तुम्हारे साये में तन्हा हूँ


P. S. - उसके नाम, जिसकी तलाश मेरी रूह को है।

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