कविताः आस्तिक

Image Courtesy_@nandlalflute
मैं इश्क में हूं
और अपने हमनवां की इबादत करता हूं
तुम मुझे नास्तिक कहो,
ये तुम्हारा प्रमेय है. 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"एक हथौड़े वाला घर में और हुआ "

बुक रिव्यू: मुर्गीखाने में रुदन को ढांपने खातिर गीत गाती कठपुतलियां

FIRE IN BABYLON