मैं एक शहर में डूबने से डरता हूं..
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मैंने टिहरी भी नहीं देखा
इसलिए मैं तबाही की कल्पना करता हूं,
तो कंपकंपी सी होने लगती है
लेकिन मैं दिल्ली से डरता हूं
दिन रात बराबर
जैसे बच्चे अंधेरी रातों में भूतों से
वो शहर जो एक नदी को लील रहा है
दिन रात बराबर
मैं डर के मारे दरवाजे बंद कर लेता हूं..
गांव, कस्बों की ओर चला जाता हूं
मैं एक शहर में डूबने से डरता हूं..
24.06.2013
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