SHORT STORY (लघु कथा): बेदाग रोटियां
तवे से उतरती रोटियों पर जलने की कोई चित्ती ना थीं, मैंने जला हुआ सरकंडा
उठाया और हर रोटी को टीका लगा दिया। इससे पहले कि वो कुछ कहती..मैं खुद ही बोल
पड़ा, सबमें तुम्हारा अक्स नजर आता है..मैं नहीं चाहता इन बेदाग रोटियों
को नजर लग जाएं..
17.02.2013
17.02.2013
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