उलझी नींद


बरसात
रात
ख्वाब
शहर
और चांद भी 
सब कुछ वहीं है
लेकिन नींद अब भी
उस चेहरे में उलझी है
जो आजकल
आंखों पर तारी है.
23.02.2013

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