तुम्हारी दो आंखे..

हमें यूं छोड़कर
तुम्हारा दूसरे शहर चले जाना

जैसे हवामहल के झरोंखो पर
किसी ने पर्दा डाल दिया हो

मैं लाल बत्ती के उस पार
बुत बना..ठिठका हूं

ढूंढ़ते हुए
तुम्हारी दो आंखे..

16.12.2012

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