कमरे की बत्तियां
मेरी उदासियों का साया तुम पर ना हो.
लो, मैंने कमरे की बत्तियां बुझा दी..
तुम्हारी अपनी महफिलों में..
गैरों की आवाजाही है..
मेरे आने से..
जलवों की रोशनाई कम हुई..
ये बताओ..
उदास रातों के लिए
तुमने कीमत क्या चुकाई..
16.12.2012
लो, मैंने कमरे की बत्तियां बुझा दी..
तुम्हारी अपनी महफिलों में..
गैरों की आवाजाही है..
मेरे आने से..
जलवों की रोशनाई कम हुई..
ये बताओ..
उदास रातों के लिए
तुमने कीमत क्या चुकाई..
16.12.2012
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