Courtesy_Onion_Google images उत्तर भारत में इस समय प्याज की फसल खेतों से मंडी तक पहुंच रही है, लेकिन किसान को कीमत नहीं मिल रही। तीन से चार रुपये किलो का भाव जा रहा है। किसान को दाम नहीं मिल रहा है। वो हताश है, लेकिन सोचिए कि कौन हैं ये लोग जो टन के टन अभी प्याज खरीद रहे हैं ? ये कटु सत्य है कि जो खरीद रहे हैं उनकी चांदी है। बहुत सारे किसान ऐसे हैं जो प्याज को स्टोर करने की स्थिति में नहीं है। उनके पास पैसा नहीं है। फसल उगाने के लिए जो कर्ज लिया था उसे भरना है, ऐसे में उसे पैसा चाहिए, लेकिन प्याज की कीमत नहीं मिल पा रही है। मंडी में प्याज की कीमत तीन से चार रुपया प्रति किलो। दूसरी ओर बिचौलिये भी सस्ते में प्याज खरीद कर स्टोर करेंगे और जैसे ही उत्तर भारत के राज्यों में बरसात शुरू होगी, प्याज की कीमत चढ़नी शुरू होगी। और इतनी रफ्तार से चढ़ेगी कि आम आदमी कहेगा... ‘ प्याज हमेशा से ही महंगी थी ’ । उसे पता नहीं चलेगा कि इसी प्याज को किसान मई के महीने में 3 रुपया किलो के हिसाब से बेचकर हताश है। वो बिचौलिए जो प्याज को कौड़ियों के दाम खरीदे हैं। बरसात में 80 से 100...
bahut badhiya...vidyarthi jeevan ka har rang hai isme video me.. shbhkamnayen aap sabko...
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