संदेश

Kanpur Central Railway Station लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

SHORT STORY; ALIA

चित्र
Courtesy_Google 12 घंटे कंप्यूटर स्क्रीन पर आंखे गड़ाने के बाद रोड किनारे खड़े अशोक के पेड़ों की पत्तियों को, सुहानी हवा के साथ झूमते देखना, आंखों के लिए सुकुन भरा था। चांदनी रात अपने शबाब पर थी और घड़ी की सुइयां एक दूसरे को आलिंगन कर रही थीं। जवां रात के आगोश में सड़कों पर चहलकदमी करना रुमानी भरा था। मैं कभी आसमां की ओर देखता, तो कभी मकानों की मुंडेर पर टिमटिमाते छोटे छोटे बल्बों को चिढ़ाता..तीन बंटा तीन सौ तीन, सब्जी मंडी से होते हुए जब मैं अपने आशियाने की चौखट पर पहुंचा, तो चारों तरफ सन्नाटा था। चांद, ऊंची दीवारों की ओट में छुप गया था और याद शहर का वो मोहल्ला लंबे-लंबे खर्राटे भर रहा था। एक दो बार कुत्तों के भौंकने की आवाजें भी सुनाई दी..जो कहीं अंधेरे में गुम हो गई..मैंने दरवाजा खटखटाया..कोई जवाब तो नहीं मिला..लेकिन दरवाजा खुल गया। ओह.. तो मिस आलिया सो गई हैं..और वो भी मेरे ही बिस्तर पे..क्या बात है...मैंने बैग पटका और आलिया को जगाने के लिए आवाज दी..आलिया, उठो यार, आज तो तुम बहुत जल्दी सो गई...डिनर कर लिया...आज पत्ते नहीं खेलोगी क्या...मैं यूं ही आवाज लगाता रहा..लेकिन आलिय