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बनारस डायरी: काशी के बदले माहौल में फंस गई है मोदी की जीत

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Courtesy_Harendra Yadav   काशी के पांच दृश्य  दृश्य-1  गोदौलिया चौराहे के पास बीजेपी समर्थकों का हुजूम. भगवा रंग की छतरी, पर्चे, पैम्फलेट. झंडे और तमाम चुनाव समाग्री, चौराहे से लोग किसी तरह निकल रहे. भीड़ बढती जा रही है. मोदी के समर्थन में लगातार नारे उछाले जा रहे हैं. एक तरह सड़क के दाहिने कोने में आम आदमी पार्टी का एक समर्थक अपने चार पांच आदमियों के साथ हाथों में झाड़ू लिए मोर्चा संभाले हुए. लेकिन उसकी आवाज बीजेपी के नारों से दब जा रही है. हालांकि वह लगातार हवा में झाड़ू लहरा रहा है. इस बीच अमित शाह कार में चढ़कर आते है और गोदौलिया भगवा रंग में डूब जाता है. दृश्य-2 दशाश्वमेध घाट, अगर बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को मंजूरी मिल गई होती, तो वे आज गंगा आरती में शरीक हो रहे होते, और ये आरती रोज की तरह ना होकर हाईप्रोफाइल होती. सुरक्षा के तमाम उपाय होते और साधारण लोग चौक के पास ना जा पाते.. बहरहाल नावों पर सवार होकर लोग आरती में शामिल हुए और रोज की तरह गंगा के प्रति अपनी श्रद्धा दर्शाई. Assi Ghat_Benaras_courtesy_Harendra Yadav दृश्य-3 कुमार स्वामी घाट, सीढ़ियों से

ARVIND KEJRIWAL VS INDIAN MEDIA

इतना नंगा तो मीडिया किसी चुनाव में ना हुआ! समय आ गया है कि सेलेब्रिटी पत्रकार लोग अपनी संपत्ति की घोषणा करें? चैनलों-अखबारों के ट्वीट देखिये, खबर का एंगल देखिए। एक मेटल डिटेक्टर टूट जाता है तो मुंबई में अफरातफरी मच जाती है। ये खबर कौन छापता है। मेटल डिटेक्टर के टूटने से मुंबई में अफरातफरी का बात का कोई कनेक्शन है। बात सिर्फ कवरेज से खत्म नहीं हो जाती है। क्यों चैनलों ने अपनी आंखें बंद कर ली और राजनीतिक पार्टियों के कैमरों से सबकुछ दिखाने लगे। जब केजरीवाल कहते हैं कि पत्रकारों को जेल भेजेंगे, तो बात पूरी मीडिया पर क्यों आ जाती है? क्या मीडिया का मतलब सिर्फ चैनल वाले ही है। उन कॉरपोरेट निहितार्थो का क्या होगा? जिन्होंने Media कंपनी में शेयर है। पत्रकार लोग अपनी संपत्ति की घोषणा क्यों नहीं करते हैं। वे क्यों नहीं बता रहे है कि उन्हें बंगला कहां से मिला, कैसे खरीदा। कहां से खरीदा, अपनी सैलरी क्यों नहीं बताते? चैनल वाले भूल गए है कि व्यक्ति सूचना के जरिए ही अपनी राय बनाता है। चैनल वाले एक तरफा राय क्यों दे रहे हैं। केजरीवाल के बयान पर इतनी हाय तौबा क्यों मचा रहे है मीडिया व

AAP KA FLAVOUR

पहले 'आप' बिना फुटेज के जीना तो सीख लें.. फिर देखेंगे 'आप' का फ्लेवर 08-01-2014

Kejriwal giving sleepless nights to Narendra Modi

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"हां, हम चोर हैं और हमने कांग्रेस की नींद चुराई है" ये शब्द बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के है, जो अपनी रैलियों में कांग्रेस पार्टी की स्थिति बयान करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। हिंदी पट्टी के चार राज्यों में बीजेपी की सफलता और कांग्रेस की करारी हार का समीकरण मोदी के पक्ष में दिखता है। लेकिन इन्हीं चार राज्यों में से एक दिल्ली के परिणाम बीजेपी पर भारी पड़े है। आम आदमी पार्टी का उभार और केजरीवाल के जादुई नेतृत्व कौशल ने नरेन्द्र मोदी की नींद उड़ा दी है। जब यह तय हो चुका है कि "आप" दिल्ली में सरकार बनाएंगी, मंगलवार को बीजेपी चुनाव प्रचार समिति की बैठक होने जा रही है जिसमें लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान को नई गति देने और रणनीति बनाने पर चर्चा होगी। इसके साथ ही बीजेपी के मुख्यमंत्रियों की भी बैठक होने जा रही है.. "आप" के चमत्कारी उभार ने बीजेपी को मजबूर कर दिया है कि लोकसभा चुनाव के लिए वह अपने पेंच कस लें, अन्यथा आप को हल्के में ना लेना दिल्ली की तरह भारी पड़ जाएगा। बीजेपी को यहां दुरूस्त करने होगी अपनी रणनीति प