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Ramdom Notes

आप मुझसे कुछ भी करवा लीजिए। मुझे बैठने से खासा दिक्कत है। मैं लगातार सोचता रहता हूं। और कुछ ना कुछ करता रहता हूं। हालांकि इससे कुछ लोगों को चिढ़ भी होती है। जब मैं पहली नौकरी कर रहा था सीएनबी न्यूज में तो ऑफिस तीन बजे का था। मैं दस पन्द्रह मिनट पहले पहुंच जाता था। और जाते ही सीनियर लोगों को नमस्ते बोलता था , वो लोग सुबह वाली शिफ्ट में थे। और वाइंड अप कर रहे होते तो काम बताने लगते। और मैं शुरू हो जाता। मेरे साथी कहते (जो लोग हमारे साथ कैंपस प्लेसमेंट में गए थे) कि चलो चाय पीने तो मैं नहीं जाता , कहता कि यार काम बहुत है। वे लोग नाराज होते और कहते कि ये नहीं जाएगा चलो हम लोग चाय पीने चलते हैं। कहने का मतलब है कि मैं जो करने गया हूं और जो करने जा रहा हूं उसमें देरी बर्दाश्त नहीं है। ऐसा नहीं है कि मुझे काम के दौरान पीना और खाना बर्दाश्त नहीं है। लेकिन काम मेरी प्राथमिकता है। हम रिजल्ट की तरफ बढ़ रहे हैं। काम खत्म होने वाला है। तब मैं रिलैक्स हो जाता हूं और चाय पीता हूं , खाना खाता हूं। दोस्तों से मिल आता हूं और सब कुछ करता हूं। मैं वो आदमी हूं जो प्रचार के झांसे में नहीं आता। मैं मं

‪रामनवमी नोट्स‬

रोड किनारे हनुमान जी के मंदिर पर मजमा लगा है। लखबीर सिंह लख्खा गलाफाड़ू आवाज में जय श्री राम के नारे लगा रहे हैं। (ऑडियो बज रहा है) डीजे और लाउड स्पीकर जोरों से चिल्ला रहे हैं। पूरा रोड लाल और केसरिया झंडों से पटा पड़ा है।   कोई बीच-बीच में साउंड बढ़ा दे रहा है।   दो सरदार जी लोग हनुमान जी की सेवा में लगे हैं। कार्यक्रम का आयोजन टेम्पो चालक संघ ने किया है।   भरी दोपहरी में मुश्किल से 15 लोग भी नहीं है।   लेकिन डीजे वाले ने पूरा माहौल बना रखा है।   मुझे अपने गांव वाले गोपाल जी याद रहे हैं , जो घुचुल पंडित जी को चिढ़ाने के लिए कहते थे , रामदूत अतुलित बल धामा , छटकल टांग फटल पयजामा। हनुमान जी श्री राम - श्री राम भजते थे। बजरंग दल वाले जय श्री राम - जय श्री राम चिल्लाते हैं।   मरने के बाद चार कंधों पर सवार मुर्दे को बैकुंठ मिले , इसलिए लोग राम-राम ही भजते हैं।        15.04.2016

नोट्सः तेरे काबिल होने के लिए, मुझे कितने इम्तहान देने होंगे.

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लोग बाजार में अपने हमशक्ल ढूंढ़ लेते हैं. जब पूरी दुनिया उदास लगे, कविता में डूब जाया करो. तमाम चाहने वालों के बावजूद मैं अकेला पड़ जाता हूं.  मुझे माफ करना, मेरे चाहने वालों, मैं किसी और को चाहता हूं.  कुछ लोग मेरे अपने है, मांग मत लेना उन्हें..मना नहीं कर पाऊंगा. तेरे काबिल होने के लिए, मुझे कितने इम्तहान देने होंगे.  15.05.2013