मैं कविता से प्रेम करता हूं.

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मैं कविता से प्रेम करता हूं.
...और तुम्हारे पास
कविता की भावनाएं हैं

भाव, कविता के लिए
आत्मा की तरह है..
इसी धागे के
दो सिरे हैं हम तुम

और तुम तो जानती हो..
भाव के बिना
कविता अधूरी है..

मेरे जीवन में
तुम्हारा होना ही
कविता का होना है..

ताकि मैं प्रेम करता रहूं
..............कविता से

05.05.2013

टिप्पणियाँ

  1. शानदार... आपका प्रेम और आपकी कविता दोनों तारिफ के काबिल हैं ...

    जवाब देंहटाएं
  2. मेरे जीवन में
    तुम्हारा होना ही
    कविता का होना है..

    ...वाह! बहुत प्यारी रचना...

    जवाब देंहटाएं

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