संदेश

जनवरी, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

लावारिस सपने

चित्र
मैं जानता हूं उन सबकी तरह  जो तुमसे..  पहले मिले थे मुझे जो मुझे अपना कहते थे तुमने भी मेरा बढ़िया  उपयोग किया है और जब मैंने तुम्हें पहचाना  मेरी आंखों में  लावारिस पड़े थे  मेरे सपने

मैं तैरना चाहता हूं.

चित्र
courtesy: google  लड़कपन में जब मैं तैरना नहीं जानता था गंगा के कोल में सीखता था तमाम कोशिशों के बाद जब सब बेचैन हो जाते एक सुर में कहते तू ये जलभंवरा पी ले तैरना सीख जाएंगा जैसे ये भागता है पानी की सतह पर.. जवानी में मैं बह रहा हूं अनोखे बहाव में जो मुझसे शुरू होता है मेरे भीतर से उठता है खुशी का एक भाव चेहरे पर गंभीरता लिए मन में छा जाता है तुम्हारा नाम अंतः मस्तिष्क में टकराता है लेकिन मैं सिर्फ बहना नहीं चाहता तैरना चाहता हूं बावजूद इसके कि लड़कपन में सीख नहीं पाया तैरना.. गंगा के बहाव की तरह मैं तैरना चाहता हूं तुम्हारे आकर्षण में चहकते अंर्तमन में गूंजती तुम्हारी प्रतिध्वनियों के बीच स्थिर होकर लहरों पर दौड़ते भंवरे की तरह जिसके बहाव का वेग नियंत्रित और अनियंत्रित होता है बिना बताए तुम्हें... मैं तैरना चाहता हूं..

हेयरक्लिप

चित्र
तुम्हारे बालों में टंगा हेयरक्लिप होना चाहता हूं.                   (January 2013)

गाजीपुर

चित्र
...गाजीपुर के पुराने किले में अब एक स्कूल है, जहां गंगा की लहरों की आवाज तो आती, लेकिन इतिहास के गुनगुनाने या ठंडी सांसें लेने की आवाज नहीं आती। किले की दीवारों पर अब कोई पहरेदार नहीं घूमता, न ही उन तक कोई विद्यार्थी ही आता है, जो डूबते सूरज की रोशनी में चमचमाती हुई गंगा से कुछ कहे या सुने।  गंदले पानी की इस महान धारा को न जाने कितनी कहानियां याद होंगी। परंतु मांएं तो जिनों, परियों, भूतों और डाकुओं की कहानियों में मगन हैं और गंगा के किनारे न जाने कब से मेल्हते हुए इस शहर को इसका ख्याल भी नहीं आता कि गंगा के पाठशाले में बैठकर अपने पुरखों की कहानियां सुनें।  यह असंभव नहीं कि अगर अब भी इस किले की पुरानी दीवार पर कोई आ बैठे और अपनी आंखें बंद कर ले, तो उस पार के गांव और मैदान और खेत घने जंगलों में बदल जाएं और तपोवन में ऋषियों की कुटियां दिखाई देने लगें। और वह देखे कि अयोध्या के दो राजकुमार कंधे से कमानें लटकाये तपोवन के पवित्र सन्नाटे की रक्षा कर रहे हैं।  लेकिन इन दीवारों पर कोई बैठता ही नहीं। क्योंकि जब इन पर बैठने की उम्र आती है , तो गजभर की छातियों वाले बेरोजगारी